Friday, April 29, 2011

घी रोटा घी को , ला म्हारे सागे रोटे री ओळ !

घी रोटा घी को , ला म्हारे सागे रोटे री ओळ !
अर्थ :- जिद्द कर के , अपनी बात पर अड़े रहना .

आँधा ने नुतो,दो ने जिमावो !

आँधा ने नुतो,दो ने जिमावो !

शब्दार्थ  :- अंधे व्यति को खाने पर आमंत्रित करना पड़े तो,उसके साथ एक और व्यक्ति को भी बुलाना पड़ेगा,ताकि वो उस अंधे व्यक्ति को लेकर आ सके।

भावार्थ :- अधूरे ज्ञान/अधूरे संसाधनो से मज़बूरी वश कोई काम लेना पड़े तो,अनआवश्यक रूप से दुगना खर्च या दुगनी मेहनत लग जाती है।

आंधी पीसे , कुत्ता खाय , पापी रो धन परले जाय !

आंधी  पीसे , कुत्ता खाय , पापी रो धन परले जाय !
अर्थ :- कुटिलता से जमा किया हुआ , कोई दूसरा हड़प ले !


फूटी किस्मत गरीब री , भरी चिलम ढूळ जाय !

फूटी किस्मत गरीब की ,भरी चिलम ढूळ जाय !

शब्दार्थ :-गरीब व्यक्ति की किस्मत इतनी ख़राब है कि,उसकी भरी हुई चिलम (हुक्का) ही गिर जाए !
भावार्थ :- किसी काम को अत्यधिक मेहनत से जमाया जाये परन्तु अंत में हाथ में आया हुआ काम बिगड़ जाये .

मोंग तोंग मटको कियो , खोस लियो , फीको पड्यो !

मांग-टांग मटको कियो,खोस लियो,फीको पड्यो !

शब्दार्थ :- मांग कर कुछ पहना (पहन कर इतराये = मट्टका किया) पर देने वाले वापस छीन लिया।
भावार्थ :- किसी से उधार लेकर काम जमाया,परन्तु उपयोग लेने के पहले ही उसने वापस ले लिया और लेने वाले को नीचा देखना पड़ा !

सारी रात पीसीयो , ढकणि में ओसारियो !

सारी रात पीसीयो , ढकणि में ओसारियो !
शब्दार्थ :- पूरी रात पिसाई की (आटा बनाया) इतनी ही पिसाई हुई जिसे ढक्कन में संधा जा सके।
अर्थ :- बहुत ज्यादा मेहनत की , परन्तु प्रतिफल बहुत ही नगण्य मिला,क्योकि मेहनत की दिशा ठीक नहीं थी। .

बान्दरो हुतो , बिच्छू काट ग्यो !

बान्दरो हुतो , बिच्छू काट ग्यो !
अर्थ :- अगुणी होते हुए भी , शेखी बघारने वाले को , अपनी चलाने के लिए कुछ और बहाना मिल जाना .
( करेला  और  नीम  चढ़ा ).

तीन तेरी , घर बिखेरी !

तीन तेरी , घर बिखेरी !

घर रा छोरा घट्टी चाटे, पाडौसी ने आटो !

घर रा छोरा घट्टी चाटे, पाडौसी ने आटो !
अर्थ :-  दिखावे के लिए आपना नुकसान करते हुए, भी दूसरों का लाभ करना .

थोथा चणा , बाजे घणा !

थोथा  चणा , बाजे घणा !
अर्थ :- असक्षम होते हुए भी , बढा-चढ़ा कर बोलना / कार्य करना .

कां तो गैली सासरे जावै कौन्या,जावै तो पाछी आवे कौन्या !

कां तो गैली सासरे जावै कौन्या,जावै तो पाछी आवे कौन्या !


शब्दार्थ  :- पागल लड़की या तो सुसराल जाने को आनाकानी करती है, और अगर चली जाये तो वापस आने को आनाकानी कराती है।
भावार्थ :- कोई कार्य का या तो न किया जाना और अगर किया जाये तो फिर अत्यधिक कर लेना .

घर रा तो घट्टी पीसे ,पावणों ने पूरी भावे !

घर रा तो घट्टी पीसे  ,पावणोंने पूरी भावे !

शब्दार्थ :- घरवाले तो घट्टी (चक्की ) चला कर आटा तैयार करे और मेहमानों को पूरी-पकवान खाने की इच्छा करे। 
भावार्थ :- सामने वाले की मज़बूरी को न समज़ते हुए,अपने स्वार्थ को पूरा करवाने पर अड़ जाना .

तीन बुलाया तेरा आया , दे दाळ में पाणी ...

तीन बुलाया तेरा आया , दे दाळ में पाणी ...


शब्दार्थ :- भोजन करने हेतु तीन लोगों को न्यौता दिया,परन्तु तेरह लोग आ गए,अतः दाल में पानी डाल कर सब की पूर्ति कर ली जाये।

भावार्थ :- परिस्थिओं मुताबिक,अपने कार्य को सिद्ध करना करना पड़े, तो गुणवत्ता का ध्यान करे बिना, कार्य पूर्ण कर लिया जाये।