Thursday, May 19, 2011

आक को कीड़ो आक में, और ढ़ाक को कीड़ो ढ़ाक में ई राज़ी रेवे .

आक को कीड़ो आक में, और ढ़ाक को कीड़ो ढ़ाक में ई राज़ी रेवे .

शब्दार्थ - आंकड़े का कीड़ा (जो कि अत्यंत जहरीला पौधा है, ढ़ाक (पलाश  का पौधा जिसे जंगल की आग भी कहते है ) का कीड़ा ढाक में खुश रहते हैं।

भावार्थ अर्थ :- व्यक्ति अपने परिवेश में ही प्रसन्न रहता है .

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