मारवाड़ी लोकोक्तियाँ-मुहावरे-कहावतें
Thursday, May 19, 2011
खाँगी - बाँकी कंवारी रोटी !
खाँगी - बाँकी कंवारी रोटी !
अर्थ :- कोई भी वस्तू ,चाहे कैसी भी हो , बिलकुल अनुपयोगी नहीं हो सकती है .
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