ओखळी में माथो दियो, घाव सूं कई डर .
शब्दार्थ :-उखली (जिसमें की अनाज को कूटा जाता है )में,अगर सर दाल ही दिया है तो फिर चोट से क्या डरना
भावार्थ :- कार्य आरम्भ कर दिया है ,तो उसको आरम्भ कर दिए जाने के बाद कठिनताओं से घबराना नहीं चाहिए।
शब्दार्थ :-उखली (जिसमें की अनाज को कूटा जाता है )में,अगर सर दाल ही दिया है तो फिर चोट से क्या डरना
भावार्थ :- कार्य आरम्भ कर दिया है ,तो उसको आरम्भ कर दिए जाने के बाद कठिनताओं से घबराना नहीं चाहिए।
No comments:
Post a Comment