Sunday, December 14, 2014

धापी थारी छाछ सूं, कुत्ता सूं छुड़ाव !

धापी थारी छाछ सूं, कुत्ता सूं छुड़ाव !
शब्दार्थ :-तेरी छाछ से तौबा, मुझे तेरे कुत्तों से छुड़ा दे ।

भावार्थ :- दूसरे से अपना काम निकलवाने गए,परन्तु वहाँ तो उल्टा मुसीबत गले में पड़े गयी ।

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