Thursday, December 4, 2014

मन'रै हरयाँ हार है, मन'रै जीत्यां जीत !

मन'रै हरयाँ हार है, मन'रै जीत्यां जीत !

शब्दार्थ :- सफलता और असफलता मन पर ही निर्भर है,अगर मन से ही हार मान लें तो जीत नहीं मिल सकती है ।

भावार्थ :- मन में सफलता की आशा हो तो ही सफलता मिलती है और मन ही हिम्मत हार जाये तो असफलता निश्चित है।

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