Saturday, December 6, 2014

कागद री हांडी चूल्है चढै कोनी !

कागद री हांडी चूल्है चढै कोनी !

शब्दार्थ :- 
कागज की हंडिया चूल्हे पर नहीं चढ़ती।

भावार्थ :- बेईमानी से किया हुआ कार्य सफल नहीं होता है।

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