Sunday, November 2, 2014

मामैरो ब्यांव़ माँ पुुरसगारी, जीमो बेटा रात अंधारी !

मामैरो ब्यांव़,माँ  पुुरसगारी, जीमो बेटा रात अंधारी !

शब्दार्थ :-  मामा का विवाह,माँ भोजन परोसनेवाली और अंधेरी रात है, तो बस फिर और क्या चाहिए,बेटा ! भरपेट खाना खाओ !

भावार्थ :- जिस चीज की आपको आवश्यकता हो,उसे देने वाला ही आपका कोई नजदीकी हो, समय और परिस्तिथियाँ भी अनुकूल हों तो फिर मनचाहा काम होना ही है।

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