Thursday, November 20, 2014

कमावै तो वर, नहीं जणै माटी रो ही ढल !

कमावै तो वर, नहीं जणै माटी रो ही ढल !

शब्दार्थ :-कमाई करता है तो पति है,नहीं तो मिटटी के ढेले के सामान है।

भावार्थ :- धन-अर्जन करता है या कमाई करता है तो पति कहलाने के लायक है,नहीं तो वह मिटटी के ढेले के सामान है।

No comments:

Post a Comment