कमावै तो वर, नहीं जणै माटी रो ही ढल !
शब्दार्थ :-कमाई करता है तो पति है,नहीं तो मिटटी के ढेले के सामान है।
भावार्थ :- धन-अर्जन करता है या कमाई करता है तो पति कहलाने के लायक है,नहीं तो वह मिटटी के ढेले के सामान है।
शब्दार्थ :-कमाई करता है तो पति है,नहीं तो मिटटी के ढेले के सामान है।
भावार्थ :- धन-अर्जन करता है या कमाई करता है तो पति कहलाने के लायक है,नहीं तो वह मिटटी के ढेले के सामान है।
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