आँधा की माखी राम उड़ावै !
शब्दार्थ :- दृष्टिहीन व्यक्ति पर मंडराती मक्खी भगवान उडाता है।
भावार्थ :- जिसका कोई सहारा नहीं होता है,उसका सहारा भगवान होता है।
शब्दार्थ :- दृष्टिहीन व्यक्ति पर मंडराती मक्खी भगवान उडाता है।
भावार्थ :- जिसका कोई सहारा नहीं होता है,उसका सहारा भगवान होता है।
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