Tuesday, November 11, 2014

धीरां रा गांव बसै,उतावळां रा देवळयां हुवै !

धीरां रा गांव बसै,उतावळां रा देवळयां हुवै !

शब्दार्थ :-धैर्यशाली लोगों के नाम से गांव बसा जाते हैं जबकि उतावली करने वालों के सिर्फ स्मारक बनाते हैं।

शीघ्रता से युद्ध में उतरने वाले के केवल स्मारक ही रहते हैं और धैय्र्य वळां
और युद्ध चातुय्र्य वाले पुरुष गांव बसा सकते है।

भावार्थ :- धैर्य औए चातुर्यपूर्वक कार्य करने वालों को सफलता मिलती है,जबकि केवल जोश से,बिना कार्य योजना से काम करने वालों को असफलता का सामना करना पड़ता है। 

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