मतलब री मनुहार जगत जिमावै चूरमा !
शब्दार्थ :- स्वार्थ साधने के लिए मनुहार करके यह संसार भोजन/व्यंजन खिलाता है।
भावार्थ :- स्वार्थ सिद्धि के लिए कुछ लोग अपने स्वाभिमान को नजर अंदाज़ करते हुए किसी की चापलूसी करने लगते हैं।
शब्दार्थ :- स्वार्थ साधने के लिए मनुहार करके यह संसार भोजन/व्यंजन खिलाता है।
भावार्थ :- स्वार्थ सिद्धि के लिए कुछ लोग अपने स्वाभिमान को नजर अंदाज़ करते हुए किसी की चापलूसी करने लगते हैं।
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