रोयां राबड़ी कुण घालै !
शब्दार्थ :- रोने मात्र से राबड़ी कौन खिलाता है ?
भावार्थ :- परिश्रम से सफलता प्राप्त होती है, लक्षय मात्र चिंता करने से या मांगने से प्राप्त नहीं हो सकता है।
शब्दार्थ :- रोने मात्र से राबड़ी कौन खिलाता है ?
भावार्थ :- परिश्रम से सफलता प्राप्त होती है, लक्षय मात्र चिंता करने से या मांगने से प्राप्त नहीं हो सकता है।
No comments:
Post a Comment