Thursday, November 13, 2014

रोयां राबड़ी कुण घालै !

रोयां राबड़ी कुण घालै !

शब्दार्थ :- रोने मात्र से राबड़ी कौन खिलाता है ?

भावार्थ :- परिश्रम से सफलता प्राप्त होती है, लक्षय मात्र चिंता करने से या मांगने से प्राप्त नहीं हो सकता है।

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