Sunday, November 16, 2014

हाथ ई बाळया, होळा ई हाथ कोनी आया !

हाथ ई बाळया, होळा ई हाथ कोनी आया !

शब्दार्थ :- होले (गीले हरे चने) को भुनने का प्रयास किया,पर उस प्रयास में हाथ जल गए।

भावार्थ :- मेहनत की,कष्ट भी सहा, लेकिन प्रतिफल स्वरुप लाभ के स्थान पर हानि हुई। 

No comments:

Post a Comment