Monday, November 24, 2014

कदेई बड़ा दिन,कदेई बड़ी रात !

कदेई बड़ा दिन,कदेई बड़ी रात !
शब्दार्थ :- कभी दिन बड़े होते हैं तो कभी रात बड़ी हो जाती है।
भावार्थ :- 1.संसार सदा परिवर्तनशील है, समय हमेशा एक समान नहीं रहता।
             2.कभी किसी एक का दांव चल जाता है तो कभी किसी दूसरे का,हर बार किसी का समय  एक  जैसा    नहीं रह पाता है।

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