अक्ल बिना ऊँट उभाणा फिरै !
शब्दार्थ :-अक्कल के बगैर ऊंट नंगे पैर घूमते हैं।
भावार्थ :- मूर्ख व्यक्ति धन अथवा साधन होते हुए भी उनका उचित उपयोग नहीं कर पाते।
शब्दार्थ :-अक्कल के बगैर ऊंट नंगे पैर घूमते हैं।
भावार्थ :- मूर्ख व्यक्ति धन अथवा साधन होते हुए भी उनका उचित उपयोग नहीं कर पाते।
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