Tuesday, August 19, 2014

गंडक की पूँछ कै न्योळी बंधरी है.

गंडक की पूँछ कै न्योळी बंधरी है.

 
शब्दार्थ :- कुत्ते की पूँछ से 'न्योळी'
(कपडे की ऐसी जेबनुमा थेैली जिसमें रूपिये रख कर,पेट पर इस तरह बाँधा जाता है की, कपड़ों के अंदर रहने पर भी अंदाज़ ना हो कि,कुछ बंधा हुआ है) बंधी हुई है।

 भावार्थ :-
अपात्र के पास धन हो भी जाए तो किस काम का जिसका कि,वो उपयोग ही ना कर सके

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