Saturday, August 9, 2014

घी सुधारे खीचड़ो ,अ'र बड़ी बहु को नाम !

घी सुधारे खीचड़ो ,अ'र बड़ी बहु को नाम !


शब्दार्थ :- घी की अच्छी मात्रा से खीच स्वदिष्ट बन गया ,परन्तु बनाने वाली बड़ी बहु की वाह-वाही हो गयी।

भावार्थ :- साधन की प्रचुरता से कार्य सफल हुआ,परन्तु कार्य करने वाले को सफलता का श्रेय मिल गया।

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