सांत हाथ सुलखणा , हांड़ी बैठे कुलखणा !
शब्दार्थ :- किसी काम को करने के लिए ज्यादा लोग हों तो,काम अच्छा होता है,परन्तु वो खाना भो ज्यादा खाते हैं।
भावार्थ:- ज्यादा साधनों से कार्य अच्छा और जल्दी हो जाता है ,परन्तु खर्चा भी ज्यादा होता है (उन साधनों को संभालना भी उतना ही कठिन होता है .)
शब्दार्थ :- किसी काम को करने के लिए ज्यादा लोग हों तो,काम अच्छा होता है,परन्तु वो खाना भो ज्यादा खाते हैं।
भावार्थ:- ज्यादा साधनों से कार्य अच्छा और जल्दी हो जाता है ,परन्तु खर्चा भी ज्यादा होता है (उन साधनों को संभालना भी उतना ही कठिन होता है .)
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