आयी ही छाछ नै, बण बैठी घर री धणियाणी !
शब्दार्थ :-:-छाछ लेने के लिए आयी थी और घर की मालकिन बन बैठी।
भावार्थ :- सहायता लेने के बहाने से किसी बात को आरम्भ करके किसी बात या चीज पर अधिकार करने की कोशिश करना।
शब्दार्थ :-:-छाछ लेने के लिए आयी थी और घर की मालकिन बन बैठी।
भावार्थ :- सहायता लेने के बहाने से किसी बात को आरम्भ करके किसी बात या चीज पर अधिकार करने की कोशिश करना।
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