कात्यो पींज्यो कपास हुग्यो !
शब्दार्थ :- काता हुआ धागा और धुनी हुई रूई,सारी फिर कपास हो गई !
भावार्थ :-मेहनत कर के किसी कार्य को पूर्ण किया पर किसी कारण से पूरा काम नष्ट हो गया।
शब्दार्थ :- काता हुआ धागा और धुनी हुई रूई,सारी फिर कपास हो गई !
भावार्थ :-मेहनत कर के किसी कार्य को पूर्ण किया पर किसी कारण से पूरा काम नष्ट हो गया।
Best
ReplyDeleteसच में बहुत लाभप्रद
ReplyDeleteअमर हुव्ज्यौ सा
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