पाणी पीणो छाणियो, करणो मनरो जाणियो !
शब्दार्थ :- पानी हमेशा छान कर पीना चाहिए और कोई भी काम हो मन मुताबिक तब ही करना चाहिये।
भावार्थ :- किसी भी काम अच्छी तरह से जान समझ कर और अपने मन मुताबिक हो तब ही करना चाहिए,सूानो सबकी करो मन की।
शब्दार्थ :- पानी हमेशा छान कर पीना चाहिए और कोई भी काम हो मन मुताबिक तब ही करना चाहिये।
भावार्थ :- किसी भी काम अच्छी तरह से जान समझ कर और अपने मन मुताबिक हो तब ही करना चाहिए,सूानो सबकी करो मन की।
महेश्वरी जी ,
ReplyDeleteप्रणाम स्वीकार करो जी ।
घणों घणों घणों सेवा रो कार्य करियो और करो जी थे ;राजस्थानी भाषा रे बिकास में सहयोग दे र ।
नमन है जी थांरै प्रयासां ने ।
मने आपरो एक एक मुहावरों घणो बढ़िया लागो। सब आज रा राजनीतिक माहौल में फिट बैठे है।
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