थोथो शंख पराई फूँक सै बाजै !
शब्दार्थ :- खोखला शंख किसी के द्वारा फूँक मारने से ही बजता है।
भावार्थ :- जिस व्यक्ति मेँ स्वयं मेँ कोई गुण नहीँ होता है,वह दूसरोँ का अनुसरण ही करता है स्वयं कोई निर्णय नहीं कर पाता है।
शब्दार्थ :- खोखला शंख किसी के द्वारा फूँक मारने से ही बजता है।
भावार्थ :- जिस व्यक्ति मेँ स्वयं मेँ कोई गुण नहीँ होता है,वह दूसरोँ का अनुसरण ही करता है स्वयं कोई निर्णय नहीं कर पाता है।
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