Monday, October 27, 2014

संगत बड़ा की कीजिये , बढत बढत बढ जाए ! बकरी हाथी पर चढी , चुग चुग कॊंपळ खाए !!

संगत बड़ा की कीजिये , बढत बढत बढ जाए !
बकरी हाथी पर चढी , चुग चुग कॊंपळ खाए !!

शब्दार्थ :-भावार्थ :-संगति हमेशा बड़ो की करनी चाहिए, जिससे उत्तरोत्तर वृद्धि हो जाती है।  .. बकरी ने हाथी से संगति की तो हाथी ने उसे अपनी पीठ पर बैठा लिया और अब वह चुन-चुन कर ऊँचे वृक्षों की हरी कोपले खा रही है।
भावार्थ :- संगति हमेशा बड़ो की,समृद्ध लोगों प्रभावशाली लोगों की करनी चाहिए। जिससे कि उनके अनुभव और ज्ञान से स्वयं को लाभ हाँसिल हो सकता है।

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