घी घल्योड़ो तो अँधेरा में बी छानों कोनी रैवे !
शब्दार्थ :- भोजन में अगर घी डाला हो तो,नहीं बताने पर भी छुपा नहीं रहता है ।
भावार्थ :- किसी की भलाई का काम या कोई अच्छा किया हुआ काम प्रसिद्धी का मोहताज़ नहीं होता है,वो सामने आ ही जाता है ।
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