घर रा छोरा घट्टी चाटे, पाडौसी ने आटो !
शब्दार्थ :- घर के बच्चे तो खाने के लिए तरस रहे हैं,परन्तु पड़ौसी का भोजन या आटा दिया जा रहा है।
भावार्थ :- झूठी शान या अपना नाम या प्रसिद्धि के लिए अपनी क्षमता से अधिक खर्च करना / स्वयं का नुकसान करते हुए भी दूसरों का लाभ करना जिससे की अपना नाम हो।
शब्दार्थ :- घर के बच्चे तो खाने के लिए तरस रहे हैं,परन्तु पड़ौसी का भोजन या आटा दिया जा रहा है।
भावार्थ :- झूठी शान या अपना नाम या प्रसिद्धि के लिए अपनी क्षमता से अधिक खर्च करना / स्वयं का नुकसान करते हुए भी दूसरों का लाभ करना जिससे की अपना नाम हो।
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