राणाजी केहवे वठैई रेवाड़ी !
शब्दार्थ :- महाराणा जहां कहे वहीँ उनकी राजधानी हो सकती है।
भावार्थ :-समर्थ एवं समृद्ध व्यक्ति की उचित/अनुचित हर बात को हर जगह प्रधान्य मिलता है।
शब्दार्थ :- महाराणा जहां कहे वहीँ उनकी राजधानी हो सकती है।
भावार्थ :-समर्थ एवं समृद्ध व्यक्ति की उचित/अनुचित हर बात को हर जगह प्रधान्य मिलता है।
No comments:
Post a Comment