Friday, October 17, 2014

झुकतै चेळा रा सै सीरी !

झुकतै चेळा रा सै सीरी !
शब्दार्थ :- तराजू के पल्ले में से झुकते हुए पल्ले में सब भागीदारी चाहते हैं।

भावार्थ :-अपने मतलब या स्वार्थ सिद्धि हेतु हर कोई उसी तरफ हो जाता है जिस तरफ अधिक फायदा होता है।

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