दिन फिरै जद चतराई चूल्हे में जाय परी !
शब्दार्थ :- जब दिन बदल जाते हैं तो चतुराई चूल्हे में जा पड़ती है।
भावार्थ :- जब किसी का समय बुरा चल रहा होता है तो वेसे में चतुराई से भी काम नहीं बन पाता है ।
शब्दार्थ :- जब दिन बदल जाते हैं तो चतुराई चूल्हे में जा पड़ती है।
भावार्थ :- जब किसी का समय बुरा चल रहा होता है तो वेसे में चतुराई से भी काम नहीं बन पाता है ।
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