Friday, October 3, 2014

आंधी पीसे , कुत्ता खाय , पापी रो धन परले जाय !

आंधी पीसे , कुत्ता खाय , पापी रो धन परले जाय !

 शब्दार्थ :- अंधी औरत अनाज पीसती है , लेकिन कुत्ता खा लेता हैं,पापी के धन का नाश होता है।

भावार्थ :-पाप कर्म से और अनुचित कार्य से अर्जित धन का विनाश हो जाता है ।

No comments:

Post a Comment