Monday, October 27, 2014

कै पूरण ज्ञानी भलो,कै तो भलो अजाण । मूढमति अधवीच को ,जळ मां जिसों पखाण।।

कै पूरण ज्ञानी भलो,कै तो भलो अजाण । मूढमति अधवीच को ,जळ मां जिसों पखाण।।

शब्दार्थ :- या तो व्यक्ति पूर्ण ज्ञानी अच्छा होता है या फिर पूरा अज्ञानी ही ठीक होता है।  अपूर्ण ज्ञान या अपूर्ण जानकारी वाला तो जैसे पानी में पड़ा हुआ पथ्थर सामान होता है।
भावार्थ :-आधा-अधूरा ज्ञान या जानकारी ज्ञान ता से ज्यादा नुकसानप्रद हो सकता है।

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