नाई री जान में सैंग ठाकर।
शब्दार्थ:- नाई की बारात में आये हुए सब लोग ठाकुर जाति के(उच्च कुल /जाति के) हैं।
भावार्थ :- निर्बल या कम सक्षम व्यक्ति के हितार्थ काम में कोई भी सहयोग करने को राजी नहीं है।
शब्दार्थ:- नाई की बारात में आये हुए सब लोग ठाकुर जाति के(उच्च कुल /जाति के) हैं।
भावार्थ :- निर्बल या कम सक्षम व्यक्ति के हितार्थ काम में कोई भी सहयोग करने को राजी नहीं है।
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