बकरा की माँ कित्ता थाव़र टाळसी ।
शब्दार्थ:- बकरे की माँ कितने शनिवार टाल सकती है।
भावार्थ :- आसन्न विपत्ति को कुछ समय के लिए तो टाला जा सकता है,परन्तु समाप्त नहीं किया जा सकता है।
शब्दार्थ:- बकरे की माँ कितने शनिवार टाल सकती है।
भावार्थ :- आसन्न विपत्ति को कुछ समय के लिए तो टाला जा सकता है,परन्तु समाप्त नहीं किया जा सकता है।
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