नागा रो लाय में कांई बळै ?
शब्दार्थ:-अगर कहीं आग लग जाये तो उदण्ड/स्वछन्द व्यक्ति का (यहाँ ऐसा अर्थ की जिस का हानि-लाभ में कुछ भी हिस्सा न हो ) उस आग में क्या जल जायेगा ?
भावार्थ :- ऐसे व्यक्ति की किसी निहित कार्य में क्या हानि हो सकती है ? जिसका उस जगह पर कुछ है ही नहीं।
शब्दार्थ:-अगर कहीं आग लग जाये तो उदण्ड/स्वछन्द व्यक्ति का (यहाँ ऐसा अर्थ की जिस का हानि-लाभ में कुछ भी हिस्सा न हो ) उस आग में क्या जल जायेगा ?
भावार्थ :- ऐसे व्यक्ति की किसी निहित कार्य में क्या हानि हो सकती है ? जिसका उस जगह पर कुछ है ही नहीं।
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