करंता सो भुगंता, खुणंता सो पड़ंता .
शब्दार्थ:- जो करता है सो भोगता है, जो दूसरे के लिए खाई खोदता है वह
स्वयं पड़ता है।
भावार्थ :-अपनी करनी का फल भोगना ही पड़ता है।
शब्दार्थ:- जो करता है सो भोगता है, जो दूसरे के लिए खाई खोदता है वह
स्वयं पड़ता है।
भावार्थ :-अपनी करनी का फल भोगना ही पड़ता है।
No comments:
Post a Comment