कमाई करम की, इज्जत भरम की, लुगाई सरम की।
अर्थ - कमाई भाग्य से होती है, जब तक भ्रम बना रहे तभी तक इज्जत है और जब तक शील संकोच बना रहता है तभी तक स्त्री, स्त्री है।
अर्थ - कमाई भाग्य से होती है, जब तक भ्रम बना रहे तभी तक इज्जत है और जब तक शील संकोच बना रहता है तभी तक स्त्री, स्त्री है।
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