Friday, September 19, 2014

चाए जित्ता पाळो , पाँख उगता ईँ उड़ ज्यासी |

चाए जित्ता पाळो , पाँख उगता ईँ उड़ ज्यासी |

शब्दार्थ:-पक्षी के बच्चे को कितने ही लाड़–प्यार से रखो,वह पंख लगते ही उड़ जाता है।

भावार्थ :- हर जीव या वस्तु उचित समय आने पर अपनी प्रकृति के अनुसार आचरण अवश्य  करते ही हैं।

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