आप री गरज गधै नेै बाप कहवावै!
शब्दार्थ:-अपनी जरुरत/अपना हित गधे को बाप कहलवाती है।
भावार्थ :-स्वार्थसिद्धि के लिए अयोग्य/ कमतर व्यक्तित्व वाले आदमी की भी खुशामद करनी पड़ती है।
शब्दार्थ:-अपनी जरुरत/अपना हित गधे को बाप कहलवाती है।
भावार्थ :-स्वार्थसिद्धि के लिए अयोग्य/ कमतर व्यक्तित्व वाले आदमी की भी खुशामद करनी पड़ती है।
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