भलांई खीर बिगड्गी पण, राबड़ी से न्हाऊं कौनी !
शब्दार्थ:- खीर यदि बिगड़ भी जाए तो राबड़ी से बुरी नहीं।
भावार्थ :- कोई अच्छा/उच्च स्तर का काम न हो सका हो या अच्छी वस्तु न मिल सके,तो भी स्तरहीन या निम्न गुणवत्ता वाला काम/वस्तु से समझौता स्वीकार्य नहीं है।
शब्दार्थ:- खीर यदि बिगड़ भी जाए तो राबड़ी से बुरी नहीं।
भावार्थ :- कोई अच्छा/उच्च स्तर का काम न हो सका हो या अच्छी वस्तु न मिल सके,तो भी स्तरहीन या निम्न गुणवत्ता वाला काम/वस्तु से समझौता स्वीकार्य नहीं है।
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