Saturday, September 13, 2014

ब्यांव बिगाड़े दो जणा , के मूंजी के मेह , बो धेलो खरचे न'ई , वो दडादड देय !

ब्यांव बिगाड़े दो जणा , के मूंजी के मेह ,
बो धेलो खरचे न'ई , वो दडादड देय !
 

शब्दार्थ :-विवाह को दो बातें ही बिगाड़ती  है, कंजूस के कम पैसा खर्च करने से और बरसात के जोरदार पानी बरसा देने से .

भावार्थ :-काम को सुव्यवस्थित करने के लिए उचित खर्च करना जरुरी होता है,वहीँ प्रकृति का सहयोग भी आवश्यक है।

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