मारवाड़ी लोकोक्तियाँ-मुहावरे-कहावतें
Saturday, September 13, 2014
कुम्हार गधे चढले , 'क कोनी चढू , पण फेर आपै ई चढले। …।
कुम्हार गधे चढले , 'क कोनी चढू , पण फेर आपै ई चढले। …।
जो मनुष्य बार बार कहने पर भी किसी काम को न करे , लेकिन फिर झख मार कर अपने आप करले .......
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